TOP LATEST FIVE SHIV CHAISA URBAN NEWS

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सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी ।

अस्तुति चालीसा शिवहि, shiv chalisa in hindi पूर्ण कीन कल्याण॥ 

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

शिव भजन

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

रात मेरे सपनो में आया, आ के मुझ को गले लगाया।

शिव Shiv chaisa जी तो है बड़े दयालु देंगे दोनों हाथो से,

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥

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